पिछले कुछ ही दिनों के अंदर दो ‘नृशंस’ हमलों की मार झेलने के बाद भारत और ईरान इस क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आपस में करीबी सहयोग करने पर राजी हुए हैं. इस संबंध में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां ईरान के उप विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची से भेंटवार्ता की|

स्वराज और अरागची के बीच ऐसे समय में भेंटवार्ता हुई है जब कुछ ही घंटे पहले ईरान के मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश अल अदल का जिक्र करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को इन आतंकवादी संगठनों को प्रश्रय देने की कीमत चुकानी होगी और नि:संदेह यह कीमत बहुत बड़ी होगी.
ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान के सुरक्षाबलों पर बुधवार के आत्मघाती बम हमले के गुनहगारों का सहयोग करने का आरोप लगाया है. इस हमले में उसके 27 सैनिक शहीद हो गए.
भारत ने भी पाकिस्तान को गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये.
बुल्गारिया की यात्रा पर जा रहीं सुषमा शनिवार को कुछ देर के लिए तेहरान में रूकीं और उन्होंने उपविदेश मंत्री अरागची से भेंट की एवं उनके साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. दोनों देश इस क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए घनिष्ठ सहयोग करने पर राजी हुए.
अरागची ने ट्वीट किया,‘ईरान और भारत ने पिछले कुछ दिनों में आतंकवाद हमलों की मार झेली है जिनमें बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए. आज भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जब वह तेहरान में रूकीं, के साथ भेंटवार्ता के दौरान हम इस क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आपस में घनिष्ठ सहयोग पर राजी हुए. अब बहुत हो गया.
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