अकसर देश के कोने कोने में मेले लगते रहते हैं। जहां आम तौर पर मेले में तरह तरह की चीजें होती हैं पर क्या आपने कभी आशिकों के मेला का नाम सुना हैं?
आपने आज तक अपनी जिंदगी में कई बार मेले का नाम सुना ही होगा। अकसर देश के कोने कोने में मेले लगते रहते हैं। जहां आम तौर पर मेले में तरह तरह की चीजें होती हैं जिसका लुत्फ उठाते लोग अपने परिवार के साथ जाते हैं। पर क्या आपने कभी आशिकों के मेला का नाम सुना हैं? अगर नही तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि आखिर देश के किस राज्य में आशिकों का मेला लगता हैं। जहां 1000 की तादाद में प्रेमी जोड़े एक्के होते हैं।
आशिकों का मेले को यूपी के बांदा में लगाया जाता हैं। जहां पर प्रेमी जोडों इस मेले का हिस्सा बनाने के लिए दूर दूर से पहुंचते हैं। बता दें कि ये मेला मकर संक्रांति के दिन बांदा जिले में केन नदी के किनारे स्थित भूरागढ़ किला में लगाया जाता हैं। अपने प्यार को पाने के लिए नट महाबली ने अपनी जान दे दी जिसके बाद से ही इस जगह को प्यार के मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं।
आज से 600 साल पहले महोबा के अर्जुन सिंह भूरागढ़ किले के राजा थे। जिनकी एक 21 साल की बेटी थी। उन्ही के महल में नट जाति के बीरन नाम का व्यक्ति काम करता था। जिसे राजा की बेटी से प्यार हो गया। इस बात का राजा को जब पता लगा तो राजा अर्जुन सिंह ने कहा कि अगर बीरन एक कच्चे धागे की रस्सी पर चढ़कर नदी के दूसरी ओर स्थित बांबेश्वर पर्वत से किले में पहुंच जाएगा, तो उसकी शादी राजकुमारी से कर दी जाएगी। Read More
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