नागरिकता संशोधन कानून को लोगों ने मानने से मना कर दिया है और इसे संविधान के खिलाफ बताया है।
वर्तमान समय में CAA (नागरिकता संशोधन कानून) सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है। नागरिकता संशोधन कानून को लोगों ने मानने से मना कर दिया है और इसे संविधान के खिलाफ बताया है। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध JMI (जामिया) के कॉलेज से शुरू हुआ और देश की सभी University (यूनिवर्सिटी) में देखा गया। भारत देश के बहुत सारे राज्यों ने नागरिकता संशोधन कानून को मानने से साफ इंकार कर दिया। देश के कई राज्यों में बनी सरकार ने यह कहकर नागरिकता संशोधन कानून को नकार दिया कि यह संविधान के खिलाफ है और इसे हम अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को गृहमंत्री Amit Shah (अमित शाह) ने सबसे पहले Lok Sabha (लोकसभा) और उसके बाद State Legislative Assembly (विधान सभा) में पास कराया। शुरू में कुछ विपक्षी पार्टी के नेता भी नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में दिखे थे लेकिन जैसे-जैसे इसका विरोध बढ़ता देखा बहुत सारे नेताओं ने अपना पल्ला झाड़ लिया। विपक्षी पार्टी के लगभग सभी नेता नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिख रहे हैं। कई नेता ऐसे भी है जो BJP (भारतीय जनता पार्टी) के होने के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून को ठीक नहीं बता रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून की वजह से ही भारतीय जनता पार्टी के बहुत सारे कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दे दिया है। Read More
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