गया के वजीरगंज और डोभी प्रखंडों का चयन जीरो टू लो पैरिटी प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में लड़कियों की शादी औसतन 18 साल की उम्र तक में हो जाती है।
गया: जिले के वजीरगंज और डोभी प्रखंडों का चयन जीरो टू लो पैरिटी प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत आशाओं को सोशल एक्शन एंड एनालिसिस प्रशिक्षण दिया जाना है। ये प्रशिक्षण परिवार नियोजन के लिए जागरूकता लाने की दिशा मे सकारतमक कदम है। वजीरगंज के बाद डोभी में यह प्रशिक्षण दिया जायेगा। जेडएलपीपी प्रोजेक्ट के लिए बिहार के गया और पश्चिमी चंपारण का चयन किया गया है। इन जिलों मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा केयर इंडिया के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के माध्यम से आशाओं को घर परिवार में पतियों की समझ व पत्नी के कार्यों में उनकी सहभागिता आदि विषयों के साथ परिवार नियोजन जैसे मुद्दों पर जागरूकता लाना है।

परिवार नियोजन के लिए सामुदायिक जागरूकता पर जोर: प्रोजेक्ट के जिला पर्यवेक्षक राकेश रंजन ने बताया परिवार नियोजन की दिशा में जागरूकता लाने के लिए वाज़ीरगंज प्रखंड में आशाओं को नौ सत्रों में सोशल एक्शन एंड एनालिसिस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं के बीच उनके खुद के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करना, आपसी बातचीत के लिए सहज बनाना, परिवार नियोजन में सामाजिक आयाम पर परिचय कराना आदि है। इस प्रशिक्षण का उद्देशय लैंगिकता के मुद्दों और परिवार नियोजन के निर्णयों पर महिलाओं के बीच इसके प्रभाव की समझ बनानी है। आशा इस प्रशिक्षण का इस्तेमाल परिवार नियोजन के लिए सामुदायिक जागरूकता लाने की दिशा में कर सकेंगी।
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