कोरोना के कारण ताजमहल बंदी से कुछ विदेशी सैलानी बेहद मायूस नजर आए।
दुनिया का सातवां अजूबा यानी ताजमहल का दिदार कौन नहीं करना चाहता। वहीं अगर बात करें विदेशी सैलानियों की तो मुख्य रूप से वो लोग ताज महल ही देखने भारत आते हैं। लेकिन अगर सात समंदर पार करके भी भारत में ताज का दिदार न हो पाए, तो किसी भी सैलानियों का मायूस होना लाज़मी है। ऐसा ही कुछ हुआ मंगलवार को ताजनगरी पहुंचने वाले सैलानियों का, जहां कोरोना के कारण ताज बंदी से कुछ विदेशी सैलानी बेहद मायूस नजर आए। ताजमहल का दिदार न करने की कसक को लेकर कई विदेशी नागरिकों के आंखों से आंसू निकल आए। इस दौरान उन्होंने उन्होंने ताज दीदार ना कर पाने के गम का भी इजहार किया।
दरअसल, आगरा के ताज का दिदार करने के लिए बीते दिन मंगलवार को भी विदेशियों का तांता लगा रहा। लेकिन, वहां के अधिकारियों द्वारा ताज बंदी की सूचना पाकर सैलानी इतने मायूस हो गए कि ताज के दिदार न करने की कसक लिए उनके आंखों से आंसू निकल आए। इस दौरान उनलोगों ने रोते हुए अपना दर्द भी बयां किया। ताज बंदी के बाद सैलानियों के दिलों में ताजमहल की हसरत अधूरी रह गई। इस दौरान कोई ताजमहल के गेट के बाहर लगी जाली से ताजमहल को झांकता नजर आया तो कईयों की नजर ताजमहल के पीछे दशहरा घाट के तरफ हो गई और वहीं से इसको निहारता दिखाई दिया।
49 साल में तीसरी बार बंद - आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले 49 वर्षों की अगर बात करें तो यह तीसरा मौका है जब ताज महल बंद किया गया है। इससे पहले 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान ताजमहल करीब 15 दिन बंद किया गया था। दूसरी बार साल 1978 में यूपी में आए बाढ़ के दौरान ताजमहल 7 दिन तक बंद रहा था। Hindi News
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