आज की दुनिया विज्ञान पर बेहद ज्यादा निर्भर हो चुकी है। हालांकि विज्ञान को हर नामुमकिन को मुमकिन करने वाला हथियार समझ लेना हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि विज्ञान को अपनी ढाल बनाकर इंसान ने कई बार प्रकृति से टकराने की कोशिश की है।
अगर इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जो आगे चलकर बर्बादी का कारण बने। ‘खतरनाक साइंस’ सीरीज़ की इस पहली कड़ी में हम आपको वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ऐसे तमाम एक्सपेरिमेंट्स के बारे में बताएंगे, जिनमें सीधे कुदरत को चुनौती देने की कोशिश की गई। इन कोशिशों से दुनिया पर तबाही पर संकट तक मंडराने लगा था।
न्यूज़ीलैंड सुनामी बम: साल 1944-1955 के मध्य में न्यूज़ीलैंड के वैज्ञानिकों ने बम धमाका कर समुद्र में आर्टिफिशियल सुनामी लाने की कोशिश की थी। उन्हें विश्वास था कि समुद्र में रणनीतिक रूप से बम रखकर अगर विस्फोट किया जाए तो जब चाहे सुनामी लाई जा सकती है। लेकिन कई हज़ार टेस्ट करने के बावजूद भी जब वैज्ञानिक इसमें सफल नहीं हो पाएं तो उन्होंने इस टेस्ट को रोक दिया।
न्यूज़ीलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया ये एक्सपेरिमेंट अगर सफल हो जाता तो यकीनन बड़ी तबाही ला सकता था। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके बाद कोई भी देश या व्यक्ति इस टेक्निक का इस्तेमाल कर कभी भी सुनामी ला सकता था, जो दुनिया तबाह कर देता।
ऑपरेशन साइरस: 1940 के अंत में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने ड्राई आइस की मदद से समुद्री तूफ़ान की दिशा मोड़ने की कोशिश की थी। इसी प्रयोग के दौरान जब वैज्ञानिकों ने अटलांटिक महासागर की ओर बह रहे तूफान में 180 पाउंड का ड्राई आइस डाला तो तूफान ने एक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया, जिसकी किसी को आशा नहीं थी। तेज़ गति में बह रहे उस तूफान ने अपना रुख जॉर्जिया शहर के सावना शहर की ओर मोड़ लिया। हालांकि, उस वक्त शहर की जनसंख्या कम होने की वजह से केवल 1 व्यक्ति की जान गई, लेकिन करीब 200 मीलियन डॉलर की संपत्ति नष्ट हो गई।
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