आर्थिक मंदी ऑटोमोबाइल सेक्टर से होते हुए अब हर सेक्टर में अपने पांव पसार रही है।
सभी जानते हैं कि देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। आर्थिक मंदी ऑटोमोबाइल सेक्टर से होते हुए अब हर सेक्टर में अपने पांव पसार रही है। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने कई सारे प्लांट बंद कर दिए हैं। देश की जीडीपी भी लगातार घटती जा रही है। जिसको लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
हाल ही में पारले कंपनी ने अपने 10000 वर्करों को निकाल दिया।
इतिहास रच कर जैसे ही मोदी सरकार दूसरी बार सत्ता में आई। तब उन्होंने वादा किया था कि वह रोजगार को बढ़ावा देंगे। लेकिन देश के अभी हालात यह हैं कि रोजगार मिलने की तो दूर की बात है नौकरी करने वाले बहुत सारे लोगों को नौकरियों से निकाल कर बेरोज़गार कर दिया जा रहा है।हाल ही में पारले कंपनी ने अपने 10000 वर्करों को निकाल दिया। देश की कई कंपनियों से लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है।
टेलीकॉम कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल को वर्तमान दुर्दशा से उभारने की कोशिश के प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय बेहद गंभीर दिखाई दे रहा है।
इन सबसे अलग सरकारी टेलीकॉम कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल को वर्तमान दुर्दशा से उभारने की कोशिश के प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय बेहद गंभीर दिखाई दे रहा है। इन दोनों कंपनियों को पटरी पर लाने की पूरी तैयारी की जा रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भरोसा दिलाया गया है कि इन कंपनियों को आर्थिक मदद भी दी जाएगी और उनके बेहतर भविष्य के लिए काम किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दूरसंचार विभाग ने 74000 करोड रुपए की योजना की पेशकश की है। सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि इस कंपनी को बंद करने से सरकार को करीब 95000 करोड रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भरोसा दिलाया गया है कि इन कंपनियों को आर्थिक मदद भी दी जाएगी और उनके बेहतर भविष्य के लिए काम किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दूरसंचार विभाग ने 74000 करोड रुपए की योजना की पेशकश की है। सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि इस कंपनी को बंद करने से सरकार को करीब 95000 करोड रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
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