3 महीने की बेटी ने दी अपने शहीद पिता को मुखाग्नि
माता-पिता चाहे अमीर हो या फिर गरीब, अपने बच्चों के पालन पोषण में थोडी भी कसर नहीं छोड़ते। बच्चों को जिस भी चीज की जरूरत होती है वो उसे कहने से पहले ही लाकर दे देते हैं। कहते हैं माता-पिता हर दुख झेल सकते हैं, हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं। लेकिन जिस चीज का वो कभी सामना नहीं करना चाहते वो है अपनी बच्चों की चिता को आग देना। कहते है जिस भी माँ-बाप को जीते-जी अपनी औलाद को मुखाग्नि देनी पड़ती है, वो इस दुनिया के सबसे बदनसीब माता-पिता होते हैं।
लेकिन जरा सोचिए अगर आपको सुनना पड़े कि किसी तीन महीने की बच्ची ने अपने पिता को मुखाग्नि दी है तो आपको कैसा लगेगा। याकिन मानिए आपकी रूह कांप जाएगी। कुछ ऐसी ही रूह कंपाने वाली खबर गुरुदासपुर से सामने आई है। यहां के निवासी शहीद रणजीत सिंह जम्मू-कश्मीर कुपवाड़ा जिले के उरी सेक्टर में तैनात थे। लेकिन हाल ही में आए बर्फीले तूफान ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया वहीं इसी हादसे में वो शहीद हो गए।
बता दें जब उनके शहीद का पार्थिव शरीर को गुरुदासपुर स्थित सिद्धपुर गांव में पहुंचाया तो पूरा गांव बहादुर बेटे को देखने के लिए उमड़ पड़ा। 45 राष्ट्रीय राइफल में उनकी तीन महीने की बेटी के हाथों ग्रेनेडियर रणजीत सिंह के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दिलवाई गई। बता दें बच्ची को उसके दादा ने गोद में लेकर पिता की चिता को मुखाग्नि दिलाई। Read More
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