राजस्थान सरकार का एक साल में 25 करोड़ विज्ञापन पर खर्च किया।
मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठा पटक की स्थिति के बीच राजस्थान सरकार में विज्ञापन खर्च चर्चा का विषय बन गया है। बता दें, वसुंधरा राजे सरकार का तख्तापलट कर सत्ता में आई राजस्थान की गहलोत सरकार ने एक साल का कार्यकाल पूरा करने पर विज्ञापन पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए थे। लेकिन सरकार के 1 साल पूरे होने पर चस्पा किए गए इन पोस्टरों से डिप्टी सीएम सचिन पायलट नदारद रहे।
दरअसल, प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सूचना का अधिकार कानून (RTI) के तहत दाखिल आवेदन के जवाब में कहा कि दिसंबर 2018 से नवंबर से 2019 के बीच 25.08 करोड़ रुपये का खर्च विज्ञापन पर किया गया। लेकिन राज्य में लगाए गए इन सभी विज्ञापनों में सिर्फ CM अशोक गहलोत ही नजर आए। डिप्टी सीएम सचिन पायलट को इन पोस्टरों में जगह नहीं दी गई। ये खुलासा भी ऐसे समय में हुआ है जब कांग्रेस मध्यप्रदेश में आंतरिक कलह से जुझ रही है। प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। पार्टी में जारी इस कलह का कारण पार्टी के बुजुर्ग और युवा नेताओं के बीच जारी तकरार को माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठा-पटक की स्थिति को लोग अशोक गहलोत और सचिन पायलट से भी तुलना कर रहे हैं।
आपको बता दें, राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से एडवोकेट सहीराम गोदारा ने RTI अर्जी दाखिल कर प्रदेश सरकार द्वारा दिसंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच विज्ञापनों पर किए गए खर्च का ब्योरा मांगा था। गोदारा ने विज्ञापनों में सीएम गहलोत और सचिन पायलट की तस्वीरों की भी जानकारी की मांग की थी। जिसके जवाब में विभाग ने बताया, “विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अखबरों में दी गई अवधि के दौरान कुल 62 विज्ञापन दिए गए थे. इनमें सिर्फ गहलोत सरकार की तस्वीरें होने की जानकारी दी गई. राजस्थान सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापनों में डिप्टी सीएम सचिन पायलट का स्थान नहीं दिया गया. गहलोत के अलावा स्थान, तस्वीर की साइज और मौकों (जिन अवसरों पर विज्ञापन दिया गया) की सूचना भी दी गई”। Hindi News
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