महासचिव Champat Rai (चंपत राय) ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अब नए अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन महज 26 फीट की दूरी से की जा सकेगी।
Ayodhya (अयोध्या) में Ram mandir (राम मंदिर) के निर्माण की शुरुआत अब भूमिपूजन के साथ शुरू किया जाएगा। इसी महीने के चैती नवरात्र के दौरान 25 मार्च से नए अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन शुरू हो जाएगी। बता दें, अभी फिलहाल अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन 52 फीट की दूरी से की जाती है, तो वहीं बीते दिन सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अब नए अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन महज 26 फीट की दूरी से की जा सकेगी।
Champat Rai (चंपत राय) ने आगे बताया कि आज से तीस साल पहले ही भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास हो चुका था, अब केवल भूमि पूजन होना है और उसके बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। चंपत राय के मुताबिक, मंदिर निर्माण की तिथि व भूमि पूजन का मुहूर्त तकनीकी समिति की रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों 29 फरवरी को नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में अयोध्या में ट्रस्ट की निर्माण समिति की बैठक हुई थी, जिसमें NBCC के पूर्व चेयरमैन व CMD अरुण कुमार मित्तल और L&T के प्रमुख इंजीनियर दिवाकर त्रिपाठी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मंदिर परिसर व उसके गर्भगृह का भी दौरा किया।
पांच सौ साल के हिसाब से होगा निर्माण
महासचिव चंपत राय के मुताबिक, राम मंदिर का निर्माण का कार्य 500 साल के उम्र के हिसाब से किया जाएगा, इसके लिए मिट्टी की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसका काम तकनीकी समिति कर रही है। मंदिर कंक्रीट का नहीं बनेगा, क्योंकि कंक्रीट की उम्र अधिकतम सौ साल मानी जाती है। साथ ही लोहे में भी जंग लगने की संभावना रहती है। मंदिर का निर्माण राजस्थानी गुलाबी पत्थरों (सैंड स्टोन) से किया जाएगा। आपको बता दें कि दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन भी इसी गुलाबी पत्थरों से बना है। Read More
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