जिस तरह से मेडिकल स्टाफ पर हमले की घटनाएं सामने आ रही थी उसे देखते हुए सरकार एक अध्यादेश लेकर आई। जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है।

कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए डॉक्टर दिन रात लगे हुए हैं। लेकिन कुछ नासमझ लोग ना सिर्फ इनके काम में मुश्किल पैदा कर रहे हैं बल्कि कोरोड़ों देशवासियों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। देशभर में कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें जांच के लिए गई मेडिकल टीम पर लोगों ने हमला किया। लेकिन अब इन हमलावारों की खैर नहीं, क्योंकि अब डॉक्टरों पर हमला करने वालों को सात साल की जेल होगी।
जिस तरह से मेडिकल स्टाफ पर हमले की घटनाएं सामने आ रही थी उसे देखते हुए सरकार एक अध्यादेश लेकर आई। जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद यह अध्यादेश लागू हो गया है। मोदी सरकार के नए अध्यादेश पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद अब स्वास्थय कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम सात साल की जेल हो सकती है। इसी के साथ भारी जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है। अध्यादेश के मुताबिक मेडिकल टीम पर हमला अब गैर जमानती अपराध होगा, जांच 30 दिन में पूरी होगी और एक साल में फैसला आएगा।

नए अध्यादेश में क्या है
मोदी सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1897 से चले आ रहे महामारी कानून में बदलाव का अध्यादेश जारी किया। जिसके तहत कोरोना योद्धाओं पर हमला करना गैर जमानती अपराधी की श्रेणी में होगा। इस पूरे मामले में जांच 30 दिनों में पूरी होगी और फैसला एक साल में आएगा। मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3 महीने से 5 साल तक सजा का प्रावधान है। वहीं अगर मामला गंभीर हो तो 6 महीने से 7 साल तक की सजा भी सुनाई जा सकती है। हमला करने के मामले में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना है, अगर मामला गंभीर है तो 1 लाख से 7 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। Hindi News
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