मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में बाहर से आने वाले लोगों को रहना होगा। यात्रियों को किराए के अलावा 5 सौ रुपये भी दिए जाएंगे।

गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद सभी राज्य फंसे लोगों को वापस लाने के काम में जुट गई हैं। उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और दिल्ली समेत अन्य राज्यों ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए गृह मंत्रालय ने स्पेशल ट्रेनें भी चलाई हैं। जिसमें केंद्र सरकार पर गरीब मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर विपक्षी दल हमलावर हैं। इस बीच बिहार सरकार ने एक अहम फैसला किया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात की घोषणा की है कि राज्य सरकार अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों के किराए के अलावा अलग से पांच सौ रुपये भी देगी। नीतीश कुमार ने कहा कि वो केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने फंसे लोगों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया। सीएम ने बताया कि उन्होंने राज्य में बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। उनके रहने के लिए उचित व्यवस्था कराई गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में बाहर से आने वाले लोगों को रहना होगा। यात्रियों को किराए के अलावा 5 सौ रुपये भी दिए जाएंगे। इस मतलब की हर व्यक्ति को कम से कम एक हजार रुपया मिलेगा। 19 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपये दिए जा चुके हैं। इसी के साथ राजस्थान के कोटा से आने वाले छात्रों का किराया भी बिहार सरकार ही देगी।
बता दें, फंसे लोगों के ट्रेन किराए को लेकर घमासान मचा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बिहार सरकार से पहले कांग्रेस ने इन लोगों के किराया वहन करने की बता कही थी। जिसके बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर 50 ट्रेनों का किराया देने की बात कही। बिहार सरकार सख्ती से केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रही है। बिहार में जहां 5 जिले रेड जोन में है वहीं 33 जिलों को ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है। Hindi News
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