14 साल की उम्र में हुई थी राबड़ी की शादी
ग्रामीण परिवेश से निकली वो एक साधारण गृहिणी थीं। घर-परिवार और रसोई संभालती थीं, लेकिन एक बार जब उन्होंने घर की देहरी लांघीं तो सीधे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने राजभवन पहुंचीं। बिहार के सीएम की कुर्सी पर बैठने वाली ये महिला हैं राबड़ी देवी। रातोंरात ये बदलाव 25 जुलाई, 1997 को हुआ। उस दिन इस गृहिणी ने जब सीएम पद की शपथ लेने के लिए राजभवन का रुख किया, सभी सोच में पड़ गये.सीएम पद की शपथ लेने वाली राबड़ी देवी राज्य के किसी सदन की सदस्य भी नहीं थी। उनके पति और तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को चारा घोटाले में चार्जशीट के बाद जेल जाना पड़ा तो पार्टी के संसदीय दल ने उन्हें अपना नेता चुन लिया। इसी के साथ राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बन गईं। बाद में पार्टी ने विधान परिषद के लिए नामित किया। राबड़ी देवी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी। सत्ता पाने के लिए उन्होंने संघर्ष भी नहीं किया। तब उनकी बड़ी पहचान यही थी. कि उस जमाने में बिहार के सबसे मजबूत नेता लालू प्रसाद की वो पत्नी थी। शुरुआत में तो वह लालू प्रसाद के इशारे पर ही सत्ता का संचालन करती रहीं, लेकिन बाद में वह राजीतिक रंग में ऐसी डूबीं कि लालू प्रसाद उनकी सलाह के बिना एक कदम नहीं रखते। लिहाजा पार्टी से जुड़े फैसलों में अब भी उनका बड़ा हस्तक्षेप है।
तीन बार सीएम की कुर्सी पर बैठीं
विरासत में मिली मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वह तीन बार बैठीं। बिहार में जनता दल और बाद में राजद के 15 साल के शासनकाल में आठ वर्ष तक वही मुख्यमंत्री रहीं। लालू प्रसाद को सात साल तक सीएम रहने का मौका मिला। राबड़ी देवी का पहला कार्यकाल सिर्फ दो साल का रहा। दूसरी बार वह नौ मार्च, 1999 और तीसरी बार 11 मार्च, 2000 को वह मुख्यमंत्री पद के लिए चुनी गईं। Read More
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