सवालों के घेरे में भारत का कानून, Nirbhaya Case के दोषियों की रूकेगी फांसी !
तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है, लेकिन नहीं मिला है तो वो है इंसाफ, मिली है तो बस तारिख। फिल्म Damini से सनी देयोल का ये डॉयलॉग आज भी लोग को मुंह जुबानी याद है। लेकिन जरा सोचिए, फिल्म में दोषी को बचने के लिए मिल रहा समय पर समय अगर असल जिंदगी में किसी को रेप के आरोपियों को दिया जाए तो क्या ये सही है।
शायद नहीं, तो आखिर क्यों ? निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे में लटकाने में इतना समय लिया जा रहा है। क्या हमारे देश का कानून इतना कमजोर है? । ये सवाल हम नहीं बलकि हर उस मां की जुंबा पर है जिनकी आंखे निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकते हुए देखना चाहती है। लेकिन दोषियों की फांसी में हो रही देरी से उनके सब्र का बांध मानों टूटने की कगार पर है। Read More
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