
अंग्रेजों का बचाव करने के साथ ही अपने संबोधन में भागवत ने डॉ अंबेडकर और भगिनी निवेदिता की कही कुछ बातों का भी जिक्र किया।
‘देश में अब कुछ उलटा-सीधा होता है तो हम अंग्रेजों को उसका दोष नहीं दे सकते’ ये बयान है RSS (आरएसएस) प्रमुख Mohan Bhagwat (मोहन भागवत) का। जिन्होंने Nagpur (नागपुर) में चल रहे एक नववर्ष 2020 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। अंग्रेजों का बचाव करने के साथ ही अपने संबोधन में भागवत ने डॉ अंबेडकर और भगिनी निवेदिता की कही कुछ बातों का भी जिक्र किया। मोहन भागवत ने अपने भाषण में सामाजिक अनुशासन पर जोर देते हुए कहा, “हम स्वतंत्र हो गए. राजनीतिक दृष्टि से खंडित क्यों न हो लेकिन स्वतंत्रता मिली. आज अपने देश में अपना राज है. लेकिन यह स्वतंत्रता टिकी रहे और राज्य सुचारु रूप से चलता रहे इसलिए सामाजिक अनुशासन आवश्यक है.”
दोहराई भगिनी निवेदिता की बात
सामाजिक अनुशासन पर जोर देने के साथ ही भगिनी निवेदिता का उदाहरण देते हुए भागवत ने आगे कहा, “इसके बारे में स्वतंत्रता से पूर्व भगिनी निवेदिता ने हम सबको सचेत किया था. देशभक्ति की दैनिक जीवन में अभिव्यक्ति नागरिकता के अनुशासन को पालन करने की होती है.”
अंबेडकर की कही बात का भी किया जिक्र
नागपुर में जारी अपने संबोधन में भागवत ने अंबेडकर के भाषणों की बात भी की। उन्होंने कहा, “स्वतंत्र भारत का संविधान प्रदान करते समय डॉक्टर अंबेडकर साहब के दो भाषण संसद में हुए. उनमें उन्होंने जिन बातों को उल्लिखित किया है वो यही बात है. अब हमारे देश का जो कुछ होगा उसमें हम जिम्मेवार हैं. अब कुछ रह गया, कुछ नहीं हुआ, कुछ उलटा-सीधा हुआ तो ब्रिटिशों को दोष नहीं दे सकते. इसलिए हमको अब बहुत विचार करना पड़ेगा.”
वहीं कार्यक्रम के आखिर में कार्यक्रम की महत्ता समझाते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “जब गुलाम थे तब जैसा चलते थे वैसा चलके अब नहीं चलेगा. इस नागरिक अनुशासन की आदत इन कार्यक्रमों से होती है. इस सामाजिक अनुशासन की आदत इन कार्यक्रमों से होती है.”
AB STAR NEWS के ऐप को डॉउनलोड कर सकते हैं. हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो कर सकते हैं
No comments:
Post a Comment