डॉ. कफील के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिविल लाइंस थाने में NSA (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया गया है।
AMU (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार हुए डॉ. कफील खान फिलहाल मथुरा जेल में हैं। इस मामले में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी की जा रही थी लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। बता दें डॉ. कफील के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिविल लाइंस थाने में NSA (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया गया है।
याद हो CAA (नागरिकता संशोधन कानून) को लेकर दिसंबर माह में योगेंद्र यादव के साथ डॉ. कफील ने AMU (एएमयू) में विवादित बयान दिया था। जिसे लेकर कफील के विरोध में सिविल लाइंस केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में 10 फरवरी के बाद कफील की रिहाई की तैयारी थी। हालांकि, अब जिला प्रशासन ने डॉ. कफील पर NSA (एनएसए) के तहत मामला लिखा है। इसी के साथ मथुरा जेल में कफील को मुकदमा प्रपत्र रिसीव कराया गया, जिसके चलते अब उनकी रिहाई नहीं होगी।
‘मोटाभाई सबको हिंदू बनाना सिखा रहे हैं’
डॉ कफील खान पर डॉ कफील खान के तहत सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ दायर शिकायत में कहा गया था कि छात्रों को संबोधित करने के दौरान कफील खान ने बिना नाम लिए ये कहा, “मोटाभाई’ सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं लेकिन इंसान बनना नहीं।” इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा, “जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया।” बता दें खान ने कहा था, “CAA मुस्लिमों को सेकंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा।”
‘दाढ़ी रखने वाले लोग होते हैं आतंकी ‘
इसके साथ ही डॉ. कफील ने आगे कहा था, “यह लड़ाई हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी रखने वाले लोग आतंकवादी होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि CAA लाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है। एफआईआर में कहा गया कि खान ने शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश की।” Read More
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