होलिका दहन के लिये कांटेदार झाड़ियों या लकड़ियों को इकट्ठा किया जाता है।
March (मार्च) के महीना यानी रंगों का महीना शुरू हो गया है। इसी महीने में लोग रंग गुलाल पानी से एक दूसरे के साथ होली का त्योहार बनाते है। इसके अलावा इस दिन होलिका का दहन भी किया जाता है। मान्यता है कि होलिका का दहन के साथ व्यक्ति अपने अंदर की सारी बुराइयां जला देता है। इस साल 2020 में होली 10 तारिख की है, लेकिन होली आने से पहले होलाष्टक लग जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाता है, जोकि कल यानी 3 मार्च से शुरू हो रहा है। होलाष्टक 9 मार्च को समाप्त होगा। साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। चाहें वो शादी, विवाह, वाहन खरीदना या घर खरीदना, अन्य मंगल कार्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन आज के दिन पूजा पाठ करने और भगवान का स्मरण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

पूजा का खास महत्व-
आज के दिन विशेष पूजा की जाती है। घर में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं विशेष पूजा करती हैं। होली से करीब एक महीने पहले ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है। बच्चे रंग पिचकारिओं खरीदते बाजार में नजर आते है। साथ ही होलिका दहन के लिये कांटेदार झाड़ियों या लकड़ियों को इकट्ठा किया जाता है। जिसके बाद होली वाले दिन शुभ मुहूर्त पर उसका दहन किया जाता है।
शुभ मुहूर्त
- होलिका दहन 9 मार्च, सोमवार के दिन किया जाएगा।
- इसके लिए शाम के समय में 06:22 से 8:49 तक रहेगा।
- भद्रा पुंछा – सुबह 09 : 50 से 10 :51 तक
- भद्रा मुखा : सुबह 10 : 51 से 12 : 32 तक
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