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Wednesday, April 22, 2020

महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने पालघर के दोषियों की लिस्ट जारी की

महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। भीड़ ने एक ड्राइवर समेत दो साधुओं को पीट-पीटकर मार डाला।

महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने पालघर के दोषियों की लिस्ट जारी की

16 अप्रैल की रात करीब 10 बजे जब उनकी गाड़ी पालघर के कासा पुलिस स्टेशन के गडचिंचले गांव पहुंची, तो वहां उन्मादी भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर को चोर डाकू समझकर हमला कर दिया। जिसके बाद मराष्ट्र सरकार पर विपक्षी पार्टियों ने हमला बोलना शुरू कर दिया। राज्य सरकार ने भी घटना को गंभीरता से लेते हुए 101 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। देशभर में आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग उठने लगी। इस बीच राज्य सरकार ने गिरफ्तार किये गये सभी आरोपियों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस मामले में पकड़े गए 101 आरोपियों की लिस्ट जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि यह लिस्ट इसलिए जारी की गई है क्योंकि कुछ लोग इस घटना को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास कर रहे थे। बता दें, लिस्ट जारी करने से पहले अनिल देशमुख ने कहा था कि हम आज आरोपियों की लिस्ट व्हाट्सएप के जरिए साझा करेंगे। इस सूची में एक भी मुस्लिम नहीं है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने पालघर के दोषियों की लिस्ट जारी की
उन्होंने बताया कि सीआईडी में एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने इस घटना के 8 घंटे के भीतर 101 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। गृहमंत्री ने आगे कहा कि वीडियो में सुनाई दिया कि ‘ओए बस’। लेकिन कुछ लोगों ने इस आवाज को ‘शोएब बस’ कहा और इसे ऑनलाइन प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों इस मामले को सांप्रदायिक रूप देने में लगे हैं।
क्या था पूरा मामला
दरअसल जूना अखाड़े के दो साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे। उनकी गाड़ी महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्से से होकर जा रही थी। 16 अप्रैल की रात करीब 10 बजे जब उनकी गाड़ी पालघर के कासा पुलिस स्टेशन के गडचिंचले गांव पहुंची। तो वहां उन्मादी भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर को चोर डाकू समझकर हमला कर दिया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई, तो पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन भीड़ ने पुलिस के सामने भी साधुओं को पीटा। अफवाह की आग में झुलसती भीड़ अपना आपा खो चुकी थी। जिसके चलते अपने आपा खो चुकी भीड़ ने चोर-डाकू समझकर दो साधु समेत तीन लोगों को मार डाला। बताया जा रहा है कि उस इलाके में यह अफवाह थी कि कुछ लोग लॉकडाउन का फायदा उठाकर चोरी की घटना को अंजाम देते हैं और बच्चों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाल लेते हैं। इस अफवाह के चलते भीड़ ने तीन लोगों को पीट-पीटकर मार डाला। Hindi News
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