डोनाल्ड ट्रम्प ने लगातार भारत की तीखी आलोचना की है। चाहे वो बात व्यापार संतुलन की हो या फिर किसी अन्य मुद्दों की

जहां एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है वहीं दूसरी तरफ एक नया मुद्दा भी निकलकर आया। जिसके बारे में सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। व्हाइट हाउस के ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारत से जुड़े 6 ट्विटर हैंडल को अनफॉलो करने के बाद सोशल मीडिया का बाजार गर्म हो गया। चारों तरफ यह चर्चा होने लगी कि जब डोनाल्ड ट्रंप को भारत की जरूरत थी तो उन्होंने ट्विटर पर फॉलो किया लेकिन जैसे ही काम पूरा हुआ तो उन्होंने अनफॉलो कर दिया। अब ऐसे में सवाल यहां ये उठता है कि क्या अमेरिका ने एक बार फिर से भारत को अपनी कूटनीतिक रवैये के चलते धोखा दिया है।
इससे पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लगातार भारत की तीखी आलोचना की है। चाहे वो बात व्यापार संतुलन की हो या फिर किसी अन्य मुद्दों की हर समय पर डोनाल्ड ट्रंप का कड़ा रुख देखने को मिला है। इसी मद्देनजर मोदी सरकार के पहले तीन साल के कार्यकाल में भारत की विदेशी नीति पूरी तरह से अमेरिका की तरफ झुकी हुई दिख रही थी। ताकि भारत और अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नया रुप दिया जा सके। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी काफी हद तक सफल भी रहे थे। जिसके चलते पहली बार अमेरिका की धरती पर भारत के प्रधानमंत्री के हाउडी मोदी कार्यक्रम में भारी जनसमूह देखने को मिला था। औऱ उसके बाद ट्रंप का भारत दौरा और उसमें नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम का आयोजन करना दोनों देशों के बीच संबंधों की एक नई परिभाषा गढ़ रहा था।
हालांकि इस दौरान बीच-बीच में ट्रंप के बयानों में तल्खी देखने को मिली थी। लेकिन फिर भी दुनिया के लगभग हर देश की नजर भारत और अमेरिका के रिश्ते पर थी। भारत ने दोस्ती निभाते हुए कोरोना संकट में अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई देने का भी फैसला किया। जिसके बाद अमेरिका ने ट्विटर पर पीएम मोदी समेत भारत से जुड़े 6 ट्विटर अकाउंट को फॉलो भी किया। लेकिन जैसे ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन अमेरिका में पहुंची उसके कुछ ही दिनों बाद ट्विटर अकाउंट को अनफॉलो भी कर दिया गया। मामले ने जब तुल पकड़ा तो व्हाइट हाउस ने इस पर सफाई भी दी। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है इस पर भी अभी संशय बना हुआ है।

व्हाइट हाउस ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई देने के बाद किया था फॉलो
गौरतलब है कि जब अमेरिका ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई की मांग की। जिसके बाद अमेरिका को ये दवाई दी गई। इसी दौरान व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति भवन, भारत में अमेरिकी दूतावास, भारतीय दूतावास, प्रधानमंत्री कार्यालय जैसे ट्विटर हैंडल को फॉलो किया था। व्हाइट हाउस ने इन्हें 10 अप्रैल को फॉलो किया और इसके 19 दिनों बाद अनफॉलो कर दिया। अचानक से व्हाइट हाउस ने इन सभी को अनफॉलो कर दिया। जिसके बाद हर कोई इसकी चर्चा करने लगा। विपक्षी दल केंद्र सरकार को इस मुद्दे को लेकर घेरने लगे। देशवासियों ने भी इसकी कड़ी निंदा की। जिसके बाद व्हाइट हाउस को आगे आकर सफाई देनी पड़ी।
व्हाइट हाउस ट्विटर पर 13 अकाउंट्स को करता है फॉलो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 6 ट्विटर अकाउंट्स को अनफॉलो करने के बाद व्हाइट हाउस अब केवल 13 अकाउंट को फॉलो करता है और इनमें सभी अमेरिकी है। व्हाइट हाउस किसी भी अन्य देश या उसके राष्ट्रध्यक्षों को फॉलो नहीं करता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एक मात्र ऐसे लीडर थे जिसे व्हाइट हाउस ने फॉलो किया था। व्हाइट हाउस जिन्हें फॉलो करता है उनमें डोनाल्ड ट्रम्प, मेलानिया ट्रम्प, माइक पेंस और अमेरिकी सरकार से जुड़े लोग शामिल हैं।
अनफॉलो करने पर व्हाइट हाउस ने दी सफाई
कोरोना संकट के बीच भारत ने अमेरिका की मदद की। इस बीच ट्विटर भी मुद्दा बना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारत से जुड़े 6 ट्विटर अकाउंट को अनफॉलो कर दिया। जिसपर व्हाइट हाउस ने सफाई दी है। व्हाइट हाउस का कहना है कि जब भी अमेरिका के राष्ट्रपति किसी देश की यात्रा पर जाते हैं तो व्हाइट हाउस द्वारा उस देश के प्रमुख को फॉलो किया जाता है। व्हाइट हाउस ने बताया कि जब डोनाल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर गए थे उसी वक्त इन सभी को फोलो किया गया था। जिससे संदेश रिट्वीट होते रहे। व्हाइट हाउस ने इसे रुटीन प्रोसेस बताया।

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को दी थी धमकी
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई की मांग की थी। ट्रंप ने इस दवाई को कोरोना वायरस से लड़ने का हथियार बताया था। भारत में उस वक्त दवाईयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ था। ट्रंप ने इसके चलते भारत को धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर भारत दवाई नहीं देता है तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा। जिसके बाद भारत ने अमेरिका में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई भेजी। उसके बाद व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री समेत कई अन्य को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू किया था। Hindi News
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