एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो’ नारा देनी वाली उमा भारती बेगुनाह कैसे हो सकती हैं
अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। अदालत ने इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। हैदराबाद से सांसद और AIMIM पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन करार दिया है। अगर किसी का मर्डर हुआ हो तो क़ातिल भी ज़रूर होता है ठीक इसी प्रकार मस्जिद टूटी है तो कोई तोड़ने वाला भी होगा लेकिन यहां तो सभी को बरी कर दिया गया है। AIMIM के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने ट्विटर पर एक शायरी लिखकर फैसले पर नाखुशी जताई है। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, ‘वही कातिल वही मुनसिफ अदालत उसकी वो शाहिद, बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है।’
28 साल बाद आज आएगा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस पर फैसला
ओवैसी ने कहा कि ‘सीबीआई कोर्ट का आज का फैसला भारत की अदालत की तारीख का काला दिन है। क्या जादू से मस्जिद को गायब कर दिया था, क्या जादू से मूर्तियां रखी गयीं थीं, क्या जादू से ताले खोले गए। सुप्रीम कोर्ट ने जो 9 नवंबर को फैसला दिया था, आज का फैसला उसके खिलाफ है। आप अंदाजा लगाइए आडवाणी की रथयात्रा जहां भी गयी वहां हिंसा हुई, लूटपाट हुई और लोगों के घर जला दिए गए।’ Read More
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