राष्ट्रपति की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून को हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन देशभर में इसका विरोध बिल्कुल भी कम नहीं हो रहा है।
उम्मीद यह लगाई जा रही थी कि समय के साथ नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे बवाल में थोड़ी नरमी देखी जाएगी लेकिन ऐसा होता हुआ बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहा है। पूरा देश लगातार जलता हुआ दिखाई पड़ रहा है। हालांकि राष्ट्रपति की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून को हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन देशभर में इसका विरोध बिल्कुल भी कम नहीं हो रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया यूनिवर्सिटी और देश की बहुत सारी यूनिवर्सिटीज में इसका विरोध पूरी तरह हो रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा कानून के अनुसार किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल तक यहां रहना अनिवार्य होगा, लेकिन नए कानून के अनुसार अब पड़ोसी देशों से आए अल्पसंख्यकों का यह साल घटाकर 6 साल कर दिया है। इस बिल का विरोध सिर्फ मुस्लिम लोग ही नहीं बल्कि सभी पार्टी के नेता कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा दबाव बनाया जा रहा है ताकि वह नागरिकता संशोधन कानून को वापस ले लेकिन अमित शाह कहीं से कहीं तक भी अपनी बात से हटने को तैयार नहीं है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का फिर से बयान आया है और उन्होंने लोगों से अपील की है कि सभी शांति को बनाए रखें क्योंकि यह बिल किसी के भी विरोध में नहीं है। राष्ट्रपति के बयान के बाद भी देश में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं।
No comments:
Post a Comment