नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में हुई हिंसा की सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में हुई हिंसा की सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। ये तो पहले से ही लग रहा था कि इस हिंसा के पीछे सरकार विरोधी ताकतों का हाथ है। सीएए की आग को कुछ राजनीतिक दल भी हवा देने का काम कर रहे हैं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लोगों को हिंसा भड़काने के आरोप में अब गिरफ्तार भी किया गया है।

पीएफआई के छह कार्यकर्ताओं को पुलिस ने धर दबोचा है। पुलिस ने मेरठ में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि चार को शामली के कैराना से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से पुलिस ने आपत्तिनजक सामग्री भी बरामद की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, पीएफआई के चीफ अमिनुल हक और उसके प्रेस सचिव मुजीम हक की गिरफ्तारी के असम में पहले हो चुकी है।
इसी के साथ ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का कहना है कि देश में नागरिकता संशोधन कानून के पीछे पीएफआई के साथ कई अन्य प्रतिबंधित संगठनों का भी हाथ है। इसके पीछे सिमी का भी हाथ है। बताया जा रहा है कि इन संगठनों ने पहले असम में हिंसा को भड़काया और फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में सीएए की आग को भड़काने का काम किया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीएफआई को इसी साल झारखंड में प्रतिबंधित किया गया था। यह एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है। सरकार का मनना है कि यह संगठन आईएसआई से प्रभावित है। पीएफआई देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम करता है।
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