कर्नाटक और बड़ौदा के बीच मैच के दौरान कमेंटेटर ने कहा कि हर भारतीय को हिंदी आनी चाहिए।
हिंदी भाषा को लेकर देश में अक्सर बहस छिड़ी रहती है। इस बार फिर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गया कि क्या सभी भारतीय को हिंदी आनी चाहिए या नहीं। इस बार यह विवाद उठा है क्रिकेट के मैदान से, जब पिछले दिनों गुरुवार को कर्नाटक और बड़ौदा के बीच मैच के दौरान कमेंटेटर ने कहा कि हर भारतीय को हिंदी आनी चाहिए। कमेंटेटर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया और लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी।
आपको बता दें कि बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के मैच के दौरान जाने-माने कमेंटेटर सुशील दोशी ने कहा, “मुझे यह तथ्य पसंद आया कि सुनील गावस्कर हिंदी में भी कमेंट्री करते हैं और इस भाषा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। मुझे यह भी अच्छा लगा कि वह डॉट बॉल को ‘बिंदी’ बॉल कह रहे हैं।” कमेंट्री कर रहे राजेंद्र अमरनाथ ने कहा, “हिंदुस्तान में हर हिंदुस्तानी को हिंदी आनी चाहिए। यह हमारी मातृभाषा है। इससे बड़ी भाषा हमारे लिए कोई नहीं है।”
जिसके जवाब में सुशील दोशी ने फिर कहा, “वास्तव में, मैं उन लोगों को बहुत गुस्से से देखता हूं, जो कभी कहते हैं कि हम क्रिकेट खिलाड़ी हैं और फिर भी हम हिंदी में बोलते हैं। अरे भाई! भारत में रहते हैं, तो भारत की भाषा ही बोलेंगे। इसमें गर्व की क्या बात है।” मैच में कमेंट्री कर रहे दोनों कमेंटेटर के इस इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया। दूसरे कई ने कमेंटेटर्स ने दोनों की इस राय पर सवाल उठा दिया। एक ने इसे हास्यास्पद बताया, तो कई लोगों ने कहा कि आप ऐसा नहीं थोप सकते। हालांकि, बाद में अमरनाथ ने अपने रुख को स्पष्ट किया और कहा, “मैं इस देश में बोली जाने वाली सभी भाषाओं का सम्मान करता हूं…अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो माफी मांगता हूं. कृपया इसे अन्यथा न लें।” Read More
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