
सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 66 प्रतिशत पाकिस्तानी इमरान सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं।
Pakistan (पाकिस्तान) के प्रधानमंत्री Imran Khan (इमरान ख़ान) भले ही दुनियाभर में घूम-घूमकर इस बात का ढिंढोरा पिटते हो कि उनकी सरकार के आते ही पाक की स्थिति में काफी सुधार आया है और उनकी आवाम उनसे काफी खुश है। लेकिन इस सब दावों की पोल खुल गई है। बता दें, अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण संस्था गैलप की पाकिस्तान इकाई द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के जो आकड़े सामने आए हैं वो हैरान करने वाले हैं। दरअसल, सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 66 प्रतिशत पाकिस्तानी इमरान सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। पाक पीएम की पोल खोलता ये सर्वेक्षण फरवरी के महीने में किया गया है। यहां दिलचस्प बात ये है कि मात्र 32 प्रतिशत पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) की केंद्र में सत्तारूढ़ इमरान सरकार के कामकाज से खुश है या कहे संतुष्ट हैं जबकि 66 प्रतिशत पाकिस्तानी असंतुष्ट।
गैलप पाकिस्तान के सर्वे के हवाले से समाचार एजेंसी आईएनएस ने पूरी रिपोर्ट में बताया, “59 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इमरान सरकार का प्रदर्शन पिछली सरकारों से खराब है जबकि 22 प्रतिशत ने कहा कि यह सरकार पहले की सरकारों से बेहतर है”। इसके साथ ही 62 प्रतिशत प्रतिभागियों का कहना है कि देश सही दिशा में नहीं जा रहा है जबकि 35 प्रतिशत ने कहना था कि देश सही दिशा में अग्रसर है। गैलप सर्वे के अनुसार, “सिंध में 16 प्रतिशत, बलूचिस्तान में 13 प्रतिशत और पंजाब में 34 प्रतिशत लोगों ने ही इमरान सरकार के प्रदर्शन पर संतोष जताया है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इमरान सरकार से संतुष्ट हैं”। सर्वे की माने तो तथ्य में ये सामने आया कि इमरान सरकार के कामकाज से असंतुष्ट लोगों में पुरुषों की संख्या 70 प्रतिशत और महिलाओं की 60 प्रतिशत है।
युवाओं में भी गुस्सा
रिपोर्ट की माने तो युवाओं में सरकार के काम को लेकर निराशा देखने को मिली। 30 साल से कम उम्र के 66 प्रतिशत ने ये कहा कि वो संघीय सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। इतना ही नहीं सर्वे की माने तो, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के परंपरागत वोटरों में 76 प्रतिशत ने कहा, “देश सही दिशा में है”। लेकिन इन्हीं वोटरों में से 26 प्रतिशत ने कहा “उन्हें नहीं लगता कि देश सही दिशा में जा रहा है” बता दें कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद जर्जर हालत में है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2007-08 के साल में पाकिस्तान में महंगाई की इतनी ऊंची दर दर्ज की गई थी। जब यह 17 फीसदी तक जा पहुंची थी।
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