कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी या नजदीकी वुहान सी फूड मार्केट से उत्पन्न हुआ है।

कोरोनावायरस (Coronavirus) को फैलाने के लिए चीन हर तरह से घिरा हुआ है। जब से पिछले साल यानी दिसंबर 2019 में मामले सामने आए थे, तब से कयास लगाए जा रहे हैं कि वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) या नजदीकी वुहान सी फूड मार्केट से उत्पन्न हुआ है। इस समय के बारे में सूत्रों का कहना है कि इस डब्लूआईवी (WIV) लैब में 1500 से अधिक घातक वायरस मौजूद हैं, जो लीक होने पर दुनिया के लिए एक नया खतरा बन सकते हैं। WIV की PIV प्रयोगशाला में अनुसंधान प्रयोग किए जा रहे हैं।
चीन के वुहान के बारे में ब्रिटिश मीडिया समूह द मेल की रिपोर्ट के अनुसार, वुहान (Wuhan) लैब की दुर्लभ आंतरिक तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरें लैब से एक भयावह रिसाव की ओर इशारा करती हैं, जिसे बीजिंग ने छिपाया है। तस्वीरों में विभिन्न प्रकार के वायरस को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रेफ्रिजरेटर में से एक के दरवाजे पर टूटी हुई सील दिखाई देती है। इसमें बैट कोरोनावायरस (Coronavirus) भी शामिल है।

इस तरह की पहली तस्वीरें 2018 में सरकार के स्वामित्व वाले चाइना डेली (China Daily) अखबार द्वारा पहली बार जारी की गई थीं। पिछले महीने ट्विटर पर इन रेफ्रिजरेटर की टूटी हुई सील की तस्वीरें सामने आई थीं, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था। उनमें से एक पर यह भी टिप्पणी की गई थी कि मैंने अपनी रसोई में रखे रेफ्रिजरेटर पर बेहतर सील लगा रखी है। पिछले हफ्ते, अखबार ने यह भी खुलासा किया कि संस्थान ने अमेरिकी (America) अनुदान से वित्त पोषित युन्नान (Yunnan) में चमगादड़ों पर कोरोनावायरस (Coronavirus) प्रयोग को अंजाम दिया। जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने शुक्रवार शाम को वुहान इंस्टीट्यूट के लिए अनुदान रोक दिया। ट्रंप ने कहा था कि हम इस भयानक स्थिति की बहुत गहन जांच कर रहे हैं।
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) लैब के निदेशक युआन झिमिंग (Yuan Jhiming) ने सभी आरोंपो को अस्वीकृत कर दिया था। उन्होंने एक सरकारी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि, इस बात का कोई सवाल ही नहीं कि ये वायरस लैब से आया है। हमारे यहां सभी व्यवस्था सख्त है। झिमिंग ने कहा कि यह बहुत ही गतल बात है की लोग बिना किसी तथ्य या ज्ञान के अधार पर जानबूझकर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह वायरस मानव निर्मित नहीं हो सकता और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं जो यह साबित करें कि यह कृत्रिम है। Hindi News
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